राज्य सरकार बांस उद्योग के जरिए युवाओं को रोजगार देने का वचन पूरा करेगी। इसके लिए छिंदवाड़ा में 500 हेक्टेयर में 'बेम्बूसा टोल्डा" प्रजाति का बांस लगाया जाएगा। इसी के साथ क्षेत्र में बांस उद्योग भी स्थापित किए जाएंगे, जिनमें अगरबत्ती और चारकोल तैयार होगा। ये उद्योग अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 में शुरू करने का लक्ष्य है। शुरुआत में यह उद्योग प्रदेश के बाहर से बांस मंगवाएंगे। जबकि पांच साल में छिंदवाड़ा में ही बांस तैयार हो जाएगा। तब अगरबत्ती की लागत भी कम हो जाएगी।अगरबत्ती सहित अन्य बांस उद्योग में बेम्बूसा टोल्डा प्रजाति के बांस का इस्तेमाल होता है। यह बांस त्रिपुरा-असम में पाया जाता है। सरकार उत्पाद की लागत कम करने के लिए यह बांस प्रदेश में ही उगाएगी। इसके लिए छिंदवाड़ा का चयन किया गया है।जून 2020 तक छिंदवाड़ा में 400 हेक्टेयर वनभूमि और 100 हेक्टेयर राजस्व भूमि पर बांस के पौधे रोपे जाएंगे। इसके लिए त्रिपुरा-असम में बांस के पौधे लगाए जाएंगे। पौधारोपण कराने की जिम्मेदारी बांस मिशन को सौंपी गई है। इसकी कार्ययोजना को लेकर पिछले दिनों मंत्रालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है।
छिंदवाड़ा में लगेंगे बांस आधारित उद्योग, 500 हेक्टेयर में उगाएंगे बांस