नेशनल लोक अदालत में एक हजार 8 प्रकरणों का निराकरण किया गया


  
जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री बी.एस.भदौरिया, कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती आशा गोधा, विशेष न्यायाधीश श्री एन.के.गोधा, अपर जिला जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विजय सिंह कावछा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अभिलाषा एन.मवार तथा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री विजय सिंह गौतम ने स्थानीय जिला न्यायालय परिसर के ए.डी.आर.भवन में महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया ।    
 इस लोक अदालत के लिये जिला एवं सेशन न्यायाधीश श्री बी.एस.भदौरिया द्वारा कुल 37 खंडपीठों का गठन किया गया था जिसमें 29 न्यायिक खंडपीठ एवं 8 पुलिस परामर्श केन्द्र की खंडपीठ है । लोक अदालत के दौरान आपराधिक शमनीय प्रकरण, चैक बाउंस प्रकरण, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद प्रकरण, अन्य सिविल मामले, विद्युत प्रकरण तथा अन्य मामलों के कुल 2070 प्रकरण थे जिसमें से 294 में प्रकरणों का निराकरण किया गया । इस दौरान 2 करोड़ 46 लाख 37 हजार 417 रूपये के समझौता राशि से 723 व्यक्ति लाभान्वित हुये । इसमें आपराधिक शमनीय प्रकरणों के 334 प्रकरणों में से 26 का निराकरण किया गया जिसमें एक लाख 65 हजार रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 52 व्यक्ति लाभान्वित हुये । चैक बाउंस प्रकरण के 487 प्रकरणों में से 75 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें एक करोड़ 2 लाख 89 हजार 507 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 150 व्यक्ति लाभान्वित हुये । मोटर दुर्घटना के 305 प्रकरणों में से 57 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें एक करोड़ 37 लाख 80 हजार रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 224 व्यक्ति लाभान्वित हुये । वैवाहिक विवाद के 419 प्रकरणों में से 73 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 169 व्यक्ति लाभान्वित हुये । श्रम विवाद के 11 प्रकरण रखे गये । अन्य सिविल मामले के 393 प्रकरणों में से 30 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 2 लाख 20 हजार 500 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 88 व्यक्ति लाभान्वित हुये। विद्युत प्रकरण के 60 प्रकरणों में से 17 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें एक लाख 82 हजार 410 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 18 व्यक्ति लाभान्वित हुये तथा अन्य मामले के 61 प्रकरणों में से 16 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 22 व्यक्ति लाभान्वित हुये । 
 इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन के चैक बाउंस के 5 प्रकरणों में 5 का निराकरण किया गया जिसमें 10 लाख 23 हजार रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 10 व्यक्ति लाभान्वित हुये । बैंक वसूली के 6 हजार 73 प्रकरणों में से 222 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 61 लाख 22 हजार 365 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 308 व्यक्ति लाभान्वित हुये । वैवाहिक प्रकरण के 67 प्रकरणों में से 37 प्रकरणों का 
निराकरण किया गया 78 व्यक्ति लाभान्वित हुये । विद्युत के 2447 प्रकरणों में से 98 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 6 लाख 17 हजार रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 98 व्यक्ति लाभान्वित हुये । जल कर के 1893 प्रकरणों में से 346 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 9 लाख 13 हजार 510 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 383 व्यक्ति लाभान्वित हुये । इसी प्रकार अन्य सिविल मामले के 130 प्रकरणों में से 6 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 7 हजार 414 रूपये का अवार्ड पारित किया गया जिसमें 6 व्यक्ति लाभान्वित हुये । इस अवसर पर सभी न्यायाधीश,  उप संचालक अभियोजन श्री पी.सी.हलधर, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सोमनाथ राय, अन्य अधिवक्ता, प्राधिकरण एवं न्यायालय के कर्मचारी के साथ संबंधित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे ।