जिले के कृषकों को मौसम के अनुसार समसामयिकी सलाह

 


भारत मौसम विज्ञान विभाग भोपाल द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ.विजय पराडकर ने बताया कि अगले 120 घंटो के दौरान 2 फरवरी तक अधिकांश क्षेत्रों में हल्के से साफ बादल रहने एवं वर्षा होने की संभावना है । अधिकतम तापमान 24-27 डिग्री सेन्टीग्रेट एवं न्यूनतम तापमान 10-13 डिग्री सेन्टीग्रेट के मध्य रहने की संभावना है । अधिकतम सापेक्षित आर्द्रता 71 से 82 प्रतिशत एवं न्यूनतम सापेक्षित आर्द्रता 28 से 37 प्रतिशत रहने की संभावना है । आने वाले दिनों में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशाओं में चलने एवं हवा की गति 9-11 कि.मी. प्रति घंटे की गति चलने की संभावना है ।
      अगले पांच दिनों में मौसम को देखते हुये फसल के अनुसार किसानों को सलाह दी गई है कि पिछले कुछ दिनों से बादल छाये रहने एवं हल्की वर्षा के कारण सरसों, मूली एवं सेम वर्ग की फसलों में एफीड कीट के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है । अत: किसानों को सलाह दी गई है कि फसलों पर निगरानी रखें तथा अधिक प्रकोप होने की स्थिति में इमिडाक्लोरोफिड 0.5 मी.ली. प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें । दिन का तापमान बढ़ रहा है, उसको ध्यान में रखते हुये गेहूं, मटर, चना, कुसुम फसलों में जल प्रबंधन की व्यवस्था करने की सलाह दी जाती है । जायद फसलों की तैयारी शुरू करें जैसे बसंत कालीन गन्ना, मूंगफल्ली एवं मक्का की बुवाई एक से 10 फरवरी के पहले करें ।
      गेहूं की फसल बालिया निकलने की अवस्था में है अत: जो किसान भाई बीज उत्पादन करना चाहते है वे विजातीय पौधों को निकालकर खेत से अलग करें । गेहूं की फसल में विभिन्न क्रांतिक अवस्थाओं में आप आवश्यकतानुसार सिंचाई करें तथा सिंचाई के बाद शेष बची यूरिया का छिड़काव करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पत्तियों पर पानी न हो ।
      इसी प्रकार चना फसल में फुल आना प्रारंभ हो गया है, जब वह दाना में बदलते है उस समय फल छेदक किट आने की संभावना होती है, इसलिये अभी से खेतों में निगरानी करने की सलाह दी जाती है । चने की फसल में प्रारंभिक कीट नियंत्रण के लिये एकीकृत कीट प्रबंधन का प्रयोग जैसे फीरोमोन प्रपंच, प्रकाश प्रपंच या खेतों में पक्षियों के बैठने के लिये टी आकार की खुटी करना लाभकारी होता है ।
 मटर की फलियों में कीट प्रकोप की अधिकता होने पर स्पाईनोसेड नामक कीटनाशी दवा 0.3 मि.ली. प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें । मटर में चुरणी फफूंदी का प्रकोप दिखने पर 3 ग्राम सल्‍फेक्स प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें । 
 नवंबर माह में बोई गई गन्ने की फसल में निंदाई-गुड़ाई करें तथा जिन खेतों में गन्ने की फसल घुटने तक आ गई है, उन खेतों में निंदाई-गुड़ाई करने बाद नत्रजन की शेष मात्रा का आधा हिस्सा डालकर मिट्टी चढ़ाने के बाद सिंचाई करें । 
 उद्यानिकी फसल आलू में अगेती एवं पिछेती अंगमारी का प्रकोप दिखाई देने पर मेंकोजेब ग्राम प्रति 2.5 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें । आम, नींबू, संतरा और मौसमी में गमोसिस तथा एंथ्रोकनोज के नियंत्रण के लिये 2.5 ग्राम ब्लाईटाक्स प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें ।
 पशुपालक यदि गाय का बछड़ा अत्यंत कमजोर हो तथा बाल झड़ रहे हो तो यह विटामीन ए की कमी से हो सकता है, इसलिये विटामीन ए का इंजेक्शन लगवाये । त्वचा रोग होने पर पशुओं के प्रभावित भाग को डेटॉल के घोल से अच्छी तरह साफ कर लें और रूई से पोछने के बाद हिमैक्स मलम लगवायें । पशुओं को पौष्टिक हरा चारा खिलाने के लिये फूल आने के पहले ही कटाई करें । दलहनी चारा फसल जैसे बरसीन, लूसर्न आदि को सुखे चारे के साथ मिलाकर कुट्टी काटकर खिलायें ।