विगत दिवस 13 दिसम्बर को पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम सिवनी के तत्वधान तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री के.आर.शाक्य के निर्देशानुसार वृद्धा आश्रम बारापत्थर सिवनी में टीबी बीमारी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिला क्षय अधिकारी डॉ0 जयज काकोडिया द्वारा समस्त वृद्धजनों एवं उपस्थित जनमानस को टीबी की बीमारी के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। साथ ही संभावित मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके बलगम के नमूने एक़ित्रत किये गये। जिला क्षय अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि टीबी की बीमारी जनसमुदाय की एक विकराल समस्या है। जो जनजागरूकता एवं कुछ सावधानियां बरतने पर नियंत्रित की जा सकती है। टीबी की संभावना होने पर सर्वप्रथम रोगी को अपने बलगम की जांच कराना चाहिये। यह जांच जिला चिकित्सालय के क्षय केन्द्र के साथ-साथ जिले के संपूर्ण स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क की जाती है। जिन भी व्यक्तिओं को दो सप्ताह से अधिक की खांसी, शाम के समय हल्का बुखार , वजन में कमी, भूख न लगना जैसे लक्षण हो तो शीघ्र ही बलगम की जांच कराना चाहिये। एवं टीबी की पुष्टि होने पर 6 माह का पूर्ण उपचार लिया जाना चाहिये। यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि टीबी का उपचार पूर्ण निर्धारित अवधि तक लिया जावे । अधूरा या बीच में ईलाज छोड देने पर टीबी एमडीआर टीबी में परिर्वतित हो जाती है। जो काफी जटिल होती है। कार्यक्रम में जिला समन्वयक श्री सुनील धुर्वे एवं जिला पीएमडीटी समन्वयक श्री बृजेन्द्र पाण्डे , सिवनी शहरी क्षेत्र के टीबी हेल्थ विजिटर श्री सुशील साहू एवं सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर श्री गुलेन्द्र परते एवं अकक्षय प्रोजेक्ट की ओर से श्री फैजान अली उपस्थित रहे।
टीबी बीमारी पर कार्यशाला का वृद्धा आश्रम में हुआ आयोजन