जीवन जीने के लिए जल की महत्वपूर्ण भूमिका है अर्थात जल के बिना जीवन नहीं। "जल है तो कल है" "पानी की एक-एक बूंद सोना है", "पानी अनमोल है", ऐसे कई नारे हैं जो पानी के महत्व को बताते हैं। पानी के बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। पानी इस धरा को हरा-भरा रखे हुये है। अगर जल न होता तो यह पूरा भू-भाग सूखा होता और यहां पर जीवन भी नहीं पनपता। जीवन का मुख्य स्त्रोत ही पानी है। अगर बरसात के बाद नदी-नालों से बहने वाले पानी का प्रभावी तरीके से संग्रहण किया जाय तो पानी कई गुना और ज्यादा मिलने लगता है । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन के माध्यम से पानी के संरक्षण व संवर्धन के लिये भरसक प्रयास किया जा रहा है जिसमें पानी और मिट्टी के संरक्षण व संवर्धन के लिए उपचार विधियों, तकनीकों व संरचनाओं संबंधी विकल्प और सुझाव के साथ जल संग्रहण और भू-जल भण्डारण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए एक नई तकनीकी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेंद्र सिंग नागेश के मार्गनिर्देशन में प्रारंभ की गई है जिसमें जिले में तेजी से बोरीबंधान का कार्य किया जा रहा है । अभी तक जिले में 3 हजार 100 बोरी बंधान के कार्य किये जा चुके है जिसमें सर्वाधिक जुन्ना रदेव और बिछुआ विकासखंड के बोरीबंधान के कार्य शामिल है । बोरी बंधान का कार्य सस्ता होने के साथ ही कम समय में किया जा सकता है और इससे जल संग्रहण करने में कई गुना फायदा होता है । साथ ही वर्षा जल का संग्रहण बढ़ाया जा सकता है और मिट्टी का कटाव रोकने के लिए कारगर सिध्दी होता है। लोग पानी की महत्ताज को समझते हुये बोरी बंधान कर पानी बचाने के लिये प्रेरित भी हो रहे है और नई पीढी को पानी की महत्तात के बारे में जानकारी दे रहे हैं ।
पानी और मिट्टी के संरक्षण व संवर्धन के लिये जिले में बनाये गये 3 हजार 100 बोरी बंधान